बृहस्पति देव के मंत्र
भगवान बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए। ये मंत्र न केवल भक्तों के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाते हैं, बल्कि उनकी बुद्धि और विवेक को भी प्रखर बनाते हैं।
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Toggleबृहस्पति बीज मंत्र
बृहस्पति देव के इस मंत्र का जाप करना बेहद फलदायी माना जाता है। यह मंत्र विशेष रूप से ग्रहदोष निवारण और ज्ञान वृद्धि के लिए प्रभावी है।
मंत्र:
“ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः॥”
अर्थ: इस मंत्र में बृहस्पति देव को समर्पित करके उनके गुणों का आह्वान किया जाता है। इसे नियमित रूप से जपने से मानसिक शांति और गुरु ग्रह से संबंधित समस्याओं का समाधान होता है। यह मंत्र बृहस्पति देव का मूल बीज मंत्र है, जो समस्त बृहस्पति दोषों को समाप्त करता है।
बृहस्पति गायत्री मंत्र
गायत्री मंत्र का जाप किसी भी देवता के आशीर्वाद को प्राप्त करने का सबसे प्रभावशाली तरीका माना जाता है। बृहस्पति गायत्री मंत्र बृहस्पति देव की कृपा पाने और ज्ञान के क्षेत्र में उन्नति के लिए अति उत्तम है।
मंत्र:
“ॐ बृहस्पतये विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि।
तन्नो गुरुः प्रचोदयात्॥”
अर्थ: इस मंत्र में बृहस्पति देव की दिव्य देह और बुद्धिमानी का ध्यान किया जाता है। इसे जपने से बुद्धि की प्रखरता बढ़ती है और जीवन में सही दिशा मिलती है। विशेष रूप से छात्रों के लिए यह मंत्र अत्यंत लाभकारी है।
भगवान विष्णु के मंत्र
बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु की भी पूजा का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु को समर्पित मंत्रों का जाप करने से भक्तों को जीवन में स्थिरता, समृद्धि और उन्नति प्राप्त होती है।
विष्णु मंत्र
भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए बृहस्पतिवार को निम्नलिखित मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
मंत्र:
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥”
अर्थ: यह मंत्र भगवान विष्णु के लिए है, जिसमें उन्हें सम्मानित किया जाता है और उनकी कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना की जाती है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से जीवन में शांति, स्थिरता और समृद्धि आती है।
विष्णु गायत्री मंत्र
भगवान विष्णु के गायत्री मंत्र का जाप भी बृहस्पतिवार के दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। यह मंत्र भगवान विष्णु की शरण में जाकर उनकी कृपा प्राप्त करने का साधन है।
मंत्र:
“ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥”
अर्थ: इस मंत्र के द्वारा भगवान नारायण का ध्यान किया जाता है और उनकी कृपा से बुद्धि और विवेक की प्रखरता की प्रार्थना की जाती है।
बृहस्पतिवार व्रत और पूजा विधि
बृहस्पतिवार के दिन भगवान बृहस्पति और भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन व्रत रखकर और मंत्रों का जाप करके जीवन में समृद्धि, ज्ञान और शांति प्राप्त की जा सकती है।
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करें।
- भगवान बृहस्पति और विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
- पीले फूल, पीले वस्त्र और हल्दी का चढ़ावा भगवान को अर्पित करें।
- बृहस्पति देव के मंत्रों और विष्णु भगवान के मंत्रों का जाप करें।
- पूजा के बाद जरूरतमंदों को दान करें, विशेष रूप से पीले रंग की वस्तुएं, जैसे कि चने की दाल, हल्दी, पीले वस्त्र, आदि।
बृहस्पतिवार को मंत्र जाप के लाभ
- ग्रह दोष निवारण: बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए इन मंत्रों का जाप अत्यंत प्रभावी होता है।
- ज्ञान और विवेक की वृद्धि: जो लोग ज्ञान प्राप्ति और शिक्षा में उन्नति चाहते हैं, उनके लिए ये मंत्र अत्यंत लाभकारी हैं।
- धन और समृद्धि: बृहस्पति देव धन, समृद्धि और अच्छे भाग्य के देवता माने जाते हैं। उनके मंत्रों का जाप करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- मानसिक शांति: मंत्र जाप से मानसिक शांति प्राप्त होती है और व्यक्ति को जीवन के हर पहलू में सफलता मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: बृहस्पति और विष्णु के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से मजबूत होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
बृहस्पतिवार का दिन भगवान बृहस्पति और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन सही विधि से पूजा और मंत्र जाप करने से जीवन में समृद्धि, शांति और ज्ञान की प्राप्ति होती है। चाहे आप जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हों, बृहस्पति और विष्णु के मंत्रों का जाप निश्चित रूप से आपको सकारात्मक ऊर्जा और समाधान प्रदान करेगा।
इसलिए, बृहस्पतिवार के दिन इन मंत्रों का जाप अवश्य करें और अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भरें।