राममंदिर भाग 1 मे हमने के के नायर के आखरी शब्द तक देखा था इसके आगे की कहानी हम देखेंगे |
के के नायर के इस्तीफा देने के बाद ये फैसला अदालत मे पहुंचा और अदालत मे हिंदू पक्ष मे ये अपील दिया की राम जी कि मुर्ति बाबरी मस्जिद मे प्रकट हुई है | तो हमे राम जी कि पूजा – अर्चना करने की अनुमती दि जाये |
बाबरी मस्जिद का फैसला –
फैजाबाद उच्च न्यायालय ने हिंदू और मुस्लिम दोनों को बाबरी मस्जिद मे न जानेका फैसला सुना दिया | करीब 9 साल ये मुकादमा चला | 1959 मे निर्मोही आखाडा ने अदालत मे अपील किया ये ‘ विबादित ढांचा ‘ का कंट्रोल हमको देदो | तबसे हिंदू बाबरी मस्जिद को विबादित ढांचा नाम से बुलाने लगे | समान अपील मुस्लिम विपक्ष ने भी अदालत को कि |
अदालत का फैसला शुरू हि था | तब भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हो गयी | भारतीय जनता पार्टी भी विश्व हिंदू परिषद, आर एस एस मे शामिल हो गयी |
अप्रैल 1984 मे विश्व हिंदू परिषद कि और से सभा हुई उसमे विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर जल्द हि बनेगा ये एलान करदिया |
इसके चलते 1 फरवरी 1986 को फैजाबाद न्यायालय ने मंदिर को खुलवाने की अनुमती दे दी ये अनुमती तत्कालीन प्रधानमन्त्री राजीव गांधी जी के केहने पर दि गयी थी | मंदिर को खुला करने के बाद अगस्त 1989 को विश्व हिंदू परिषद की और से देशभर आंदोलन चला और भागलपुर मे दंगे हो गये उस दंगे मे करीब 9000 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी |
लालकृष्ण अडवाणी की गिरफ़्तारी –
उसी साल 9 नवंबर को सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक रथयात्रा निकली ये रथयात्रा 30 अक्टूबर को अयोध्या पोहचने वाली थी |
मगर 23 अक्टूबर को सोमनाथ से लेकर अयोध्या जाने वाली रथयात्रा बिहार पहुंची | और बिहार के तत्कालिन मुख्यमंत्री लालु प्रसाद यादव जी ने ये यात्रा रुखवाई | तब भारतीय जनता पार्टी के मुख्य नेता जैसे लालकृष्ण अडवानी और महाराष्ट्र के भाजप नेता प्रमोद महाजन इन दोनों को गिरफ़्तार किया था |
करीब 12 दिन तक दोनों को बिहार जेल मे रखा हुआ था |
देश आ आतंक बढ़ रहा था | और हिंदू मुस्लिम दोनों के बिछके रिश्ते खत्म हो रहे थे | इस माहोल मे ही प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी की हत्या हो गई |
और देश मे फिरसे कॉंग्रेस की सरकार बनाई तब प्रधानमन्त्री बने पि व्हि नरसिम्हाराव | नरसिम्हाराव 1992 को हिंदू मुस्लिम दोनों पक्ष को बातचित के लिये दिल्ली बुलाते है | मगर उसदौरान दोनों पक्ष बोलने मे राजी नही थे |
आखिर बाबरी मस्जिद गिराई –
विश्व हिंदू परिषद ने 6 डिसेंबर को कारसेवा दीन मनाने का फैसला लिया और 5 डिसेंबर को अयोध्या मे कारसेवक कि भिड जम गई बडे बडे नेता भी अयोध्या मौजुद थे |
भिड बढ हि रही थी अगले दीन 6 डिसेंबर सुबह 6:30 बजे से ही भिड आणि शुरू हुई | और दोंपहर 1:55 बजे एक गुम्मत टूट गयी, और 5:30 बजे तक पुरी बाबरी मस्जिद तोड डाली |
इस दीन पूरा देश हिल गया, सारे तरफ दंगे फैल गये | पाकीस्तान मे 30 मंदीरें तोड डाले, बांग्लादेश मे 12 मंदीरें तोड डाले | सारे तरफ दंगल हो रही थी | दफ्तरे जला दिये थे | हजारो लोग मारे गये थे |
इस दौरान देश को मुंबई बॉम्ब ब्लास्ट का सामना करना पड़ा था | करीब 7 साल के बाद ये मामला शांत हुआ |
2001 मे विश्व हिंदू परिषद राम मंदिर बनाने की प्रक्रिया शुरू करदेती है | इस दौरान 58 कारसेवक कि मौत हुई थी |
और 2006 मे अयोध्या पर आतंकवादी हमला हो गया उसमे 6 लोग मारे गये थे | और 5 आतंकवादीओ को मार दिया था |
30 सितंबर 2010 को न्यायालय ने बाबरी मस्जिद के 2.77 एकड कि जमींन के तिन हिस्से करदिये और 1 हिस्सा न्यास समिति को एक हिस्सा विश्व हिंदू परिषद और 1 हिस्सा मुस्लिम लिग को दिया मगर विश्व हिंदू परिषद इस बात को राजी नही थी | 2014 को इसके खिलाफ न्यायालय मे याचिका दाखल कि 5 नवंबर 2019 को 2.77 एकड जमिन राम मंदिर को दे दी | आखिर अंत मे 5 फरवरी 2020 मे राम मंदिर को मंजूरी मिल गयी | और 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के हाथो भव्य राम मंदिर का भूमिपूजन हो गया |
ये थी राम मंदिर के 500 साल की अनसुनी कहानी | और अगले भाग मे हम भव्य राम मंदिर के बारे मे बताएंगे तब तक के लिये जय श्री राम |