lakshmi puja ke mantra: लक्ष्मी पूजा हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। देवी लक्ष्मी को धन, संपत्ति, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी माना जाता है। विशेष रूप से दिवाली के अवसर पर लक्ष्मी पूजा का विशेष आयोजन किया जाता है। पूजा के दौरान सही मंत्रों का उच्चारण करना बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर आशीर्वाद बरसाती हैं। इस लेख में हम लक्ष्मी पूजा में उपयोग किए जाने वाले प्रमुख मंत्रों और उनके महत्त्व के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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Toggleलक्ष्मी पूजा का महत्त्व
हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को घर में धन और वैभव की प्रतीक माना जाता है। लोग देवी लक्ष्मी की पूजा यह विश्वास करते हुए करते हैं कि वे घर में सुख-समृद्धि, शांति और संपत्ति का वास बनाए रखेंगी। सही मंत्रों का उच्चारण न केवल देवी को प्रसन्न करता है, बल्कि इससे मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त होती है।
लक्ष्मी पूजा के प्रमुख मंत्र
लक्ष्मी पूजा के दौरान कई मंत्रों का जप किया जाता है, जो न केवल देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि ये भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का मार्ग भी खोलते हैं। आइए जानें कुछ प्रमुख लक्ष्मी पूजा के मंत्र:
1. ॐ महालक्ष्म्यै नमः
मंत्र:
ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
महत्त्व:
यह मंत्र देवी लक्ष्मी की आराधना के लिए सबसे सरल और प्रभावी माना जाता है। इस मंत्र का निरंतर जाप करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में धन की प्राप्ति होती है।
2. श्री लक्ष्मी बीज मंत्र
मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
महत्त्व:
यह बीज मंत्र अत्यधिक शक्तिशाली होता है। “श्रीं” शब्द में लक्ष्मी देवी की पूरी शक्ति समाहित है। इस मंत्र का नियमित जप करने से जीवन में धन और समृद्धि का आगमन होता है।
3. लक्ष्मी गायत्री मंत्र
मंत्र:
ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नी च धीमहि।
तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात्॥
महत्त्व:
यह लक्ष्मी गायत्री मंत्र देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए अत्यधिक प्रभावी माना जाता है। यह मंत्र न केवल आर्थिक संपन्नता प्रदान करता है, बल्कि जीवन में शांति और स्थिरता भी लाता है।
4. लक्ष्मी अष्टक मंत्र
मंत्र:
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥
महत्त्व:
यह मंत्र देवी लक्ष्मी की महिमा का गुणगान करता है और इसे विशेष रूप से दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के समय जपना लाभकारी होता है। इस मंत्र का जप करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
5. कनकधारा स्तोत्र
मंत्र (पहला श्लोक):
अङ्गं हरे: पुलकभूषणमाश्रयन्त्या:
भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्।
अङ्गीकृताखिलविभूतिरपाङ्गलीला
माङ्गल्यदाऽस्तु मम मङ्गलदेवताया:॥
महत्त्व:
यह मंत्र विशेष रूप से धन की देवी लक्ष्मी से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। यह मंत्र आदि शंकराचार्य द्वारा रचित है और इसे जपने से जीवन में धन और वैभव का निरंतर प्रवाह होता है।
लक्ष्मी पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
लक्ष्मी पूजा करते समय निम्नलिखित सामग्री का उपयोग करना चाहिए:
- लक्ष्मी जी की प्रतिमा या चित्र
- कमल या अन्य फूल
- धूप और दीप
- चावल, हल्दी, कुमकुम
- नारियल और फल
- सिक्के और स्वर्ण आभूषण
- घी का दीपक
लक्ष्मी पूजा की विधि
- सबसे पहले, पूजा स्थल को साफ करें और देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को रखें।
- देवी लक्ष्मी के सामने दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
- देवी को कमल या अन्य फूल चढ़ाएं।
- मंत्रों का उच्चारण करते हुए लक्ष्मी जी की आरती करें।
- अंत में, प्रसाद वितरित करें और अपने परिवार के साथ देवी लक्ष्मी की कृपा की कामना करें।
लक्ष्मी पूजा के मंत्र जीवन में समृद्धि और शांति लाने के लिए अत्यंत प्रभावी होते हैं। सही तरीके से पूजा और मंत्र जप करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जो आपके घर में धन, ऐश्वर्य और शांति का स्थायी वास करती हैं। इन मंत्रों का नियमित जाप और सही विधि से पूजा करने पर देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और जीवन में हर तरह की समृद्धि का आगमन करती हैं।