500 साल पुरानी अयोध्या राममंदिर की कहानी (Ayodhya Ram Mandir ke Kahani) Part -1

राममंदिर कहानी 500 साल पुरानी (Ayodhya Ram Mandir ke Kahani) जिस से पूरे देश को एक दूसरे के खिलाफ करदिया था | और अंत मे हिंदी फिल्मो के जैसे सब ठीक हो गया |

बात 1526 कि –

हा मे बात कर रहा हु, राममंदिर की दोस्तो आपको ये सिर्फ मंदिर पता होगा लेकिन इसके पीछे की कहानी बोहोत बड़ी है |

500 साल पुरानी अयोध्या राममंदिर की कहानी (Ayodhya Ram Mandir ke Kahani) Part -1
500 साल पुरानी अयोध्या राममंदिर की कहानी (Ayodhya Ram Mandir ke Kahani) Part -1

1528 से शुरू होने वाला यूद्ध आखिर 2024 मे खतम हो गया | ऐसा क्या हुआ था इन 500 सालो मे सब जानेंगे |
अयोध्या का ये यूद्ध जो 70 साल तक कोर्ट मे चला था, 10 लाख पन्ने स्कैन किये थे | और इतिहास मे सबसे ज्यादा लम्बे चले केस मेसे 2 नम्बर का केस था |
बात है 1526 कि जब बाबर भारत आया था | तब भारत मे मुघल साम्राज्य चल रहा था | मुघल साम्राज्य कि शुरूवात के 2 साल बाद बाबर अयोध्या आया था | केहते है तब उसने राम मंदिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई थि |

भगवान राम कि 44 पीढ़ीया
ओ मंदिर जहापर भगवान राम का जन्म हुआ था राम जी कि पिता दशरथ जी ने वहापे राज किया था | इतना हि नही भगवान राम कि 44 पीढ़ीया ने अयोध्या पर राज किया था | राम जी के बाद उनके पुत्र कुश ने वहा राम जन्मभूमि मंदिर कि स्थापना कि थी |
बात है 1717 कि जब जयपुर के राजा जयसिंग ( द्वितीय) ने बाबरी मस्जिद के बाजु मे राम जी का चबूतरा बनाया था | उसी चबूतरे पर भगवान राम जी कि पूजा – अर्चना होती थि |

लोग उस चबूतरे को हि भगवान राम जी का मंदिर समझते थे |
आगे 1800 मे भारत पर अंग्रेज राज शुरू हो गया | अंग्रेज सरकार कि चलते अयोध्या पर बोहोत चर्चे हुये | और एक सर्वे हुआ जिसपर नजर आया , राममंदिर तोड़कर जो बाबरी मस्जिद बनाई है |

पहली बार हिंदू मुस्लिम दंगे –

उसमे मंदिर के खम्बे का इस्तेमाल किया है | तब शुरू हुआ पहली बार युध उस समय राम मंदिर कि विपक्ष जो निर्मोही आखाडा चलता था उसने ये एलान किया कि बाबरी मस्जिद राम मंदिर तोड़कर बनाई है | उस समय पहली बार हिंदु मुस्लिम दंगे हुये थे |
इन दंगो मे कितनो ने अपनी जान गवाई और कितनो ने अपने घर गवा दिये थे |

पहली बार हिंदू मुस्लिम दंगे -
पहली बार हिंदू मुस्लिम दंगे –

बाबरी मस्जिद और मंदिर मे विभाजन –
तब जाकर 1855 मे अंग्रेज सरकार ने निर्णय लिया बाबरी मस्जिद और मंदिर को विभाजित किया | मामला यहापर भी खत्म नही हुआ | ये टर्निंग पॉइंट था हिंदू मुस्लिम के बिछके दंगोका | विभाजित होने के बाद ये मामला पहली बार कोर्ट मे गया और निर्मोही आखाडा के महंत रघुवीर दास ने कोर्ट मे अपील किया कि मंदिर मे पूजा अर्चना करने दिजीये | मगर ये फैसला | जिल्हा कोर्ट ने रद्द किया |
और सामप्रदायिक दंगे शुरू हो गये | उस दंगो मे बाबरी मस्जिद का दरवाजा टूट गया | लेकिन ये दरवाजा अंग्रेज सरकार ने ठीक करदिया |
देश का माहोल बिघड रहा था | और आजादिके आंदोलन चल रहे थे | लगातार कोशिशो के बाद 1947 मे देश आज़ाद हो गया | एक समस्या तो छुट गयी मगर किसीके ये नही सोचा था कि देश आज़ाद होने के बाद मंदिर मस्जिद कि भी बारी आएगी | ये केस कोर्ट मे जारी हि था और अचानक आदेश आया बाबरी मस्जिद को शुक्रवार के दीन हि खुला रखेंगे और बाकी दीन बाबरी मस्जिद बंद होगी |इस बात से मुस्लिम नाराज थे |

 

3 डिसेंबर 1949 कि रात -
3 डिसेंबर 1949 कि रात –

3 डिसेंबर 1949 कि रात –

कोर्ट आदेश चाहे कोनसा भी देदे मगर हिंदू पीछे हटने वाले नही थे | अचानक 3 डिसेंबर 1949 के दीन करीब 6:30 बजे कुछ लोग बाबरी मस्जिद मे घुस जाते है, और बाबरी मस्जिद मे राम जी कि मुर्ति रखते है |
ये बात तेजी से फैल जाती है | और बाबरी मस्जिद मे भिड बढ़ जाती है | उस समय देश मे सविधान नही था | सर्व धर्म सम भाव नही था | ये बात जैसे हि देश के प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू जी तक पोहचती है | नेहरू जी बोलते है जो हुआ ओ गलत हुआ ऐसा नही होने चाहिए था | और अयोध्या के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के के नायर को राम जी कि मुर्ति बाबरी मस्जिद के बाहर रखने का आदेश देते है | मगर के के नायर इस बात को न मान कर प्रधान मन्त्री जी को एक चिट्ठि लिखते है |
यहाँपर माहोल ठीक नही है | मे कुछ नही कर सकता ये चीजें के के नायर के चिट्ठि मे थि | जवाहर नेहरू को जैसे के के नायर जी कि चिट्ठि पहुंची वे नाराज हो गये |

अयोध्या मे हिंसा बोहोत हो रही थि के के नायर पर राजकिय दबाव पड गया | और उन्होंने अपने पद् का इस्तीफा दे दिया |
और राम जी कि मुर्ति बाबरी मस्जिद मे रखी इस बात का फैसला न्यायालय को देने दिजीये ये के के नायर के अंतिम शब्द थे |
राममंदिर कहानी 500 साल कि पार्ट 1 हमने देख ली बाकी कि कहानी हम पोर्ट 2 मे देखेंगे तब तक के लिये जय श्री राम |

Read Part-1:500 साल पुरानी अयोध्या राममंदिर की कहानी (Ayodhya Ram Mandir ke Kahani) Part- 2

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