रविवार व्रत कथा और विधि | ravivaar vrat katha or vidhi

शुभ  रविवार आजकी कथा मे हम आपको ” रविवार व्रत कथा (ravivaar vrat katha) ” के और रविवार को व्रत कैसे करना है इसकी जानकारी देने वाले है | भक्तो सर्वप्रथम आपको बतादे रविवार व्रत कथा हमारे सूर्य भगवान के लिये कराई जाती है |
सूर्य भगवान को प्रसन्न करने हेतु महिला एवं पुरुष भि रविवार व्रत कर सकते है |

रविवार व्रत कथा और विधि | ravivaar vrat katha or vidhi
रविवार व्रत कथा और विधि | ravivaar vrat katha or vidhi

रविवार व्रत करना ज्यादा मुश्किल नही है| व्रत कैसे करना है, व्रत का पालन कैसे करना है, पूजा एवं विधि किसप्रकार करनी है सभी जानकारी हम आपको देने वाले है |

• रविवार व्रत विधि –


रविवार व्रत विधि को समजना व्रत के लिये आसान रेहता है |
रविवार व्रत करने के लिये आपको सुबह जल्दी उठकर  स्नान करलेना है |
स्नान करने के बाद आपके घर और घर के आंगन को गोबर से  लेपना है | गोबर न मिले तो पानी और गोमूत्र से आप घर को स्वस्छ कर सकते है |
घर स्वस्छ करने के बाद सूर्य भगवान को नमस्कार करके और सूर्य भगवान को जल अर्पित करना है और  भोग चढ़ाना है | और खुद खाना खाकर पूजा विधि संपन्न करनी है |
हमने रविवार व्रत  की पूजा एवं विधि देखली है अब हम रविवार व्रत कथा  का पठन करेंगे |

• रविवार व्रत कथा –

प्राचीन युग मे एक छोटे से नगर मे एक बुढी औरत रेहती थी | ओ रोज सूर्य भगवान की पूजा करती थी |
दर रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान करती थी उसके बाद अपने आंगन को गोबर से लिपती थी | और सूर्य भगवान को नमस्कार करके भोग चढाती थी |
सब कुशल मंगल चल रहा था | बुढी औरत के घरमे किसी भी चीज की कमी नही थी, वे हर दिन सूर्य भगवान की प्रार्थना करती और रविवार का व्रत करती थी |
एकदिन बुढी औरत की पड़ोसन बुढी औरत को रविवार व्रत करते देख लेती है | और अपने गौमाता का गोबर लेते देख लेती है | पड़ोसन बुढी औरत से जलती थी |
इसीलिये ओ अपनी गौमाता को अपने घर में बांध लेती है |
दूसरे दिन सुबह ही बुढी औरत जल्दी उठकर गोबर लाने के लिये पड़ोसन के आंगन मे चली जाती है |
मगर बुढी औरत को गौमाता पड़ोस मे नजर ही नही आती है, वे पड़ोसन को कहती है |
मुझे रविवार व्रत कथा का व्रत करने के लिये गोबर की आवश्यकता है, क्या तुम मुझे अपने गौमाता का गोबर दे सकती हो? इस बात पर पड़ोसन सीधे ना केहती है | गोबर नही मिला इस बात पर चिंतित होकर बुढी औरत रूठकर घर चली जाती है | गोबर न मिलने पर आंगन नही लीप सखी, ना सूर्य भगवान को भोग चढ़ाया, न खुद भोजन किया |
सूर्यास्त होने के बाद ओ बिना भोजन किये ही सो गयी, सुबह सूर्योदय हो गया |
बुढी औरत नींद से उठ गयी और चमत्कार हो गया | बुढी औरत के आंगन मे  सुंदर सफेद रंग की गौमाता बंधी थी |
गौमाता को देखकर बुढी औरत बोहोत खुश हुई | और स्नान करने के लिये घर के अंदर गयी | उतने मे फिरसे चमत्कार हुआ उस सफेद गौमाता ने सोने का गोबर दिया |
ओ सब उस पड़ोसन ने देखलिया और अपने गाय का गोबर उस जगह छोड़ दिया और सफेद गाय का सोने का गोबर अपने घर मे ले आई | ये बात बुढी औरत को पता ही नही थी | ओ रोज उस गौमाता के गोबर से अपना आंगन लीप लेती और हरदिन बुढी औरत नींद से उठने के भीतर पड़ोसन सोने का गोबर ले आती थी |
ये क्रिया हरदिन चलती थी | एकदिन सूर्य भगवान ने तेज हवा और बारिश गिराई , बारिश के भय से बुढी औरत ने अपने सफेद रंग के गौमाता को अपने घर के अंदर बांध लिया |
सुबह जल्दी ही पड़ोसन सोने का गोबर लेने आई मगर उसको गौमाता दिखाई ही नही चिंतित होकर पड़ोसन अपने घर लौट गयी |
सफेद गौमाता का सोने का गोबर देखकर बुढी औरत आश्चर्य चकित हो गयी और मन ही नही सोचने लगी | ऐसे चलते ओ हरदिन गौमाता को घरके अंदर ही बांध देती थी |
लेकिन उसकी पदोसन उससे जलती थी | इसी कारण को उस प्रांत के राजा के पास जाकर सब बताती है |
राजा अपने सिपाही को उस गाय को दरबार मे लाने का आदेश देता है | सिपाही उस बुढी औरत के घर चले जाते है | और बुढी औरत के मर्जी के खिलाफ उस सफेद रंग की गाय को राजा के दरबार ले आते है |
सफेद सुंदर गाय ओ देखकर ओ राजा भी खुश हो जाता है |
सोने का गोबर देने वाली गाय को राजा अपने महल मे ले जाता है | और सूर्यास्त होने के बाद राजा सो जाता है |
सुबह सोने के गोबर के लालच मे राजा जल्दी उठ जाता है | सुबह उठकर देखा तो गौमाता ने सोने का नही तो गोबर दिया होता है और गोबर से राजा का महल पुरा अस्वस्छ हो जाता है |
राजा वे देखके गुस्सा हो जाता है |
ओ अपने सिपाही को महल साफ करने का आदेश देता है | मगर महल जितना साफ करा उतना ही गंदा हो रहा होता है |
वे देखकर राजा उस सफेद गौमाता को बुढी औरत के हवाले कर देता है | और पदोसन को शिक्षा दे देता है |
ऐसा करने पर ओ महल साफ हो जाता है |

आज हमने रविवार व्रत कथा  आपको बताई रविवार को आप ये कथा अवश्य पढ़िये | और रविवार व्रत कथा मे जैसे बताया वैसे सूर्य भगवान की पूजा अर्चना करते रहिये |
एक दिन अवश्य ही आपको सूर्य भगवान प्रसन्न होंगे |

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